Moral hindi story of panchtantra - आत्म संतुष्टि


हिन्दी शिक्षाप्रद कहानी : आत्म संतुष्टि




आत्म संतुष्टि - moral story


Moral hindi story of panchtantra - आत्म संतुष्टि



एक कौआ था जो अपनी जिंदगी से बहुत खुश और संतुष्ट था। एक बार वह एक तालाब पर पानी पीने रुका। वहां पर उसने सफ़ेद रंग के पक्षी हंस को देखा। उसने सोचा मैं बहुत काला हूँ और हंस इतना सुन्दर इसलिए शायद हंस इस दुनिया का सबसे खुश पक्षी होगा। कौआ हंस के पास गया और बोला तुम दुनिया के सबसे खुश प्राणी हो।  हंस बोला – मैं भी यही सोचा करता था कि मैं दुनिया का सबसे खुश पक्षी हूँ जब तक कि मैंने तोते को न देखा था। तोते को देखने के बाद मुझे लगता है कि तोता ही दुनिया का सबसे खुश पक्षी है क्योंकि तोते के दो खूबसूरत रंग होते है इसलिए वही दुनिया का सबसे खुश पक्षी होना चाहिए। कौआ तोते के पास गया और बोला – तुम ही इस दुनिया के सबसे खुश पक्षी हो।
तोता ने कहा – मैं पहले बहुत खुश था और सोचा करता था कि मैं ही दुनिया का सबसे खूबसूरत पक्षी हूँ, लेकिन जब से मैंने मोर को देखा है, मुझे लगता है कि वो ही दुनिया का सबसे खुश पक्षी है क्योंकि उसके कई तरह के रंग है और वह मुझसे भी खूबसूरत है। कौआ चिड़ियाघर में मोर के पास गया और देखा कि सैकड़ों लोग मोर को देखने के लिए आए है। कौआ मोर के पास गया और बोला – तुम दुनिया के सबसे सुन्दर पक्षी हो और हजारों लोग तुम्हें देखने के लिए आते है, इसलिए तुम ही दुनिया के सबसे खुश पक्षी हो। मोर ने कहा – मैं हमेशा सोचता था कि मैं दुनिया का सबसे खूबसूरत और खुश पक्षी हूँ लेकिन मेरी खूबसूरती के कारण मुझे यहाँ पिंजरे में कैद कर लिया गया है। मैं खुश नहीं हूँ और मैं अब यह चाहता हूँ कि काश मैं भी कौआ होता तो मैं आज आसमान में आजाद उड़ता। चिड़ियाघर में आने के बाद मुझे यही लगता है कि कौआ ही सबसे खुश पक्षी होता है।


Moral -  “हम लोगों की जिंदगी भी कुछ ऐसी ही हो गयी है। हम अपनी तुलना दूसरों से करते रहते है और दूसरों को देखकर हमें लगता है कि वो शायद हम से अधिक खुश है। इस कारण हम दु:खी हो जाते हैं











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