Hindi real horror story : भूत - प्रेतों की कहानियां
Hindi real horror story |
बालुबा कन्याशाला में भेडिये पिशाच का हमला,
मेरा नाम जल्पा मोनाणी है | मेरे पिता अनाज और बीज बेचते हैं | आज में उस घटना के बारे में बताने जा रही हूँ जिस वजह से मेरी बहन बरबाद हो गयी | मुझे याद है, हम दोनों बहने 11वि कक्षा में बालुबा कन्याशाला में पढ़ती थीं | हम दोनों जुड़वाँ बहनें होने के कारण हमेशा लोगों में चर्चा का विषय बनी रहती थीं | एक दिन करीब 11 बजे हमारी छुट्टी हो गयी | हम दोनों बहनें स्कूल के कम्पाउंड में थीं तभी मेरी बहन भावना बाथरूम गई | करीब 15 मिनट हुए लेकिन वह वापिस नहीं लौटी | तब मुझे चिंता हुई | मैं पता लगाने बाथरूम की और गई | वहां का नज़ारा देख कर मेरी रूह काँप गयी |
मैंने देखा भावना वाश-बेसन की दीवार से सट कर बैठी थी | उसके सिर से खून बह रहा था | और कोई अजीब सी पहाड़ी आकृति उसके सिर से बहता खून चूस रही था | एक पल मैं स्तब्ध हो कर वह नज़ारा देखती रही फ़िर मेरी दर्दनाक चीख निकल गयी | तब पियोन और कुछ टीचर्स वहां दौड़ आये | मैं तुरंत उन्हें उस घटना के बारे में बताने लगी | लेकिन उस वक्त तक वहां मेरी बहन भावना के अलावा कोई नहीं था | वह गुमसुम सी बैठी थी | सब नें उसे पुछा की, आखिर वहां हुआ क्या था? लेकिन वह कुछ भी नहीं बोली |
वहां पर आये हुए सब लोगों नें पहले तो भावना के फिसल जाने का तर्क निकला और उसके बाद उन्होंने उल्टा मुझे ही कसूरवार बताना शुरू कर दिया | उन्हें लगता था, शायद हम दोनों बहनों में मारपीट-जगडा हुआ होगा, उसी वजह से भावना को चोट लगी होगी |
उसके बाद, हम दोनों बहनें स्कूल से घर लौटी तो, माँ-पापा नें भी उसे खूब पुछा लेकिन भावना जैसे दूसरी दुनियां में ही जी रही थी | देर रात को भी वह बार बार उठ कर घर के बाहर बैठ जाती | स्कूल में भी उसका बरताव अजीब हो गया था | टीचर्स कुछ भी कहे तो वह पढाई नहीं करती | उल्टा उन्हें घूरती रहती | एक बार, क्लास में भावना अकेली बैठी थी | मैंने सोचा उस से बात करूँ | मैं कैंटीन से कुछ नाश्ता ले कर उसके पास जाने लगी | मैंने देखा भावना खिड़की के बहार देख कर हँसे जा रही थी | और अपने होठ बडबडा रही थी |
अब मेरी धडकनें बढ़ चुकी थी | मैंने डरते डरते उसके पीछे जा कर खिड़की की और नज़र घुमाई तो मुझे वही रहस्यमई आकृतिनुमा इन्सान दूर खड़ा दिखा, जो बाथरूम में भावना के सिर के घाव से खून चूस रहा था | वह डरावना नज़ारा देख कर मेरे हाथ से नाश्ता वहीँ गिर गया | तभी फ़ौरन भावना मेरी और मुड़ी | उसके चेहरे पर बेहद गुस्सा था | उसने दौड़ कर मुझे बाल से पकड़ लिया | अगले ही पल मैं ज़मीन पर थी | आप यकीं नहीं करेंगे “भावना नें उस दिन मुझे चेहरे पर तीन बार काटा”
थोड़ी ही देर में और स्टूडेंट्स वहां आ गए | उन्होंने भावना को मुझसे अलग किया | मेरी जो बहन पानी भी मुझसे पूछ कर पीती थी वह, अब मुझसे खुनी भेडिये की तरह बरताव कर रही थी | अब स्कूल प्रसाशन को यकीं हो गया था की, बाथरूम वाली घटना भी हम दोनों बहनों की ही लड़ाई थी | उन्होंने उसी वक्त मेरे पापा को भावना के काटने के निशान दिखाये | बात बड़ी साफ़ थी | वह लोग नहीं चाहते थे की हम दोनों एक स्कूल में रहें | पापा नें उसी वक्त भावना को हॉस्टल भेजने का निर्णय लिया |
मैंने उन्हें और स्कूल प्रशासन को खूब समझाया लेकिन मेरी हकीकत पर किसी को विश्वास नहीं था | चूँकि उस शैतानी पिशाच के बारे में भावना कुछ बोलने को तैयार नहीं थी | इस घटना के बाद भावना 3 साल हॉस्टल में रही | एक दिन, हमें रात को करीब तीन बझे उसके हॉस्टल से फोन आया | भावना बाथरूम के पास बेहोश पड़ी मिली थी | हम उसे घर लाये | उसके सिर पर ठीक वैसे ही घाव थे, जो स्कूल के समय मैंने देखे थे | आज भी भावना अँधेरे में अकेले बडबड़ाती रहती है | हमेशा अँधेरे में रहना पसंद करती है | शायद हमारी स्कूल के वक्त से मेरी बहन पर पिशाच का वास है | पता नहीं उसका क्या होगा | मैं इस घटना की बात सार्वजनिक इस लिए बता रहीं हूँ ताकि मेरी बहन को इस मुसीबत से बाहर लाने का कोई सुझाव मिल सके – जल्पा मोनाणी
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