akbar birbal stories in hindi - akbar and birbal stories: रानी की बात
akbar birbal stories in hindi |
शीर्षक : रानी की बात
एक बार महाराज अकबर रानी के आगे बीरबल की चतुराई की प्रशंसा कर रहे थे। रानी बोली महाराज कितना ही चतुर सही पर मुझसे हार जाएगा। महाराज अकबर ने कहा ठीक है। परीक्षा कर लेते हैं।
दूसरे दिन दरबार उठने के बाद महाराज ने बीरबल को महल में बुलवा लिया।
रानी ने बीरबल के लिए सुगंधित शर्बत और पुल मिठाई लाने के लिए आदेश दिया। दासी के जाते ही रानी गिनती गिनने लगी। एक से दस तक गिनती गिनकर बोली अब शर्बत गिलास में तथा मिठाई और फल तश्तरी में रख लिए हैं। सचमुच दासी अब सामान लिए मौजूद थी।
रानी बोली बीरबल देखो हमारा कितना नपा तुला अन्दाज है।
कल हम तुम्हारे यहाँ दावत खाने आयेंगे। बीरबल ने सोचा रानी स्वयं दावत पर आने को कह रही है। जरूर कुछ दाल में काला है। फिर वह सारी बात समझ गया।
बादशाह ने रानी से कहा आप तो बीरबल की परीक्षा लेने के लिए कह रही थीं ली क्यों नहीं ? रानी बोली कल बताऊंगी।
अगले दिन बादशाह और उनकी पत्नी वीरबल के घर पहुंचेथोड़ी देर के बाद उसने सेवकों को खाना लगाने का आदेश दिया।
रानी बोली, बीरबल क्या तुम हमारी तरह गिनकर बता सकते हो, खाना कितनी देर में आ जाए।
वह बोला रानी की, आपके सामने में बोलना अच्छा नहीं समझता। आप गिनती शुरू कीजिये ,जब आप रुकगी, तभी खाना हाजिर हो जायेगा । रानी के गिनती खत्म करते ही खाना आ गया।
बादशाह बोले रानी , बीरबल आपकी बात भाप गया। आप हार गई। तभी बीरबल बोला जीत रानी जी की हुई हैं खाना तो इन्ही के गिनने से आया है रानी ने कहा बीरबल, तुम सचमुच दरबार के रत्न हो हमें हराया वो भी हमें जीताकर।
0 Comments
Please do not spam any link in here